STORYMIRROR

Pallavi Goel

Others

4  

Pallavi Goel

Others

स्वर साम्राज्ञी

स्वर साम्राज्ञी

1 min
385


वाग्देवी की वीणा झंकार 

सा था गले का स्वर।

मोहक मुस्कान ऐसी कि   

 लेती थी हर दिल हर।


दशकों दशक से गूँजता 

धाम पहुँचा आज पर।

कंठ-कंठ से फूटा शोक

ढल आज गीतों में झर ।


अश्रु आँखों में रहे पर 

दिल तो आया है भर ।

धरा रत्न अमर शोभित    

 भारत माता के सर धर।


सुर समर्पण को समर्पित

श्रद्धा सुमन लाई हूँ भर।

साधिका ने माँ पग पखारे

फिर झुकाया अपना सर।


 भारत रत्न ,स्वर साधिका आदरणीया लता मंगेश्कर दीदी को हृदय उद्गारों द्वारा भावभीनी श्रद्धांजली।


Rate this content
Log in