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RockShayar Irfan

Tragedy

5.0  

RockShayar Irfan

Tragedy

हां एक लड़की हूं मैं

हां एक लड़की हूं मैं

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पहचान मैं अपनी क्या बताऊं

दास्तान मैं अपनी क्या सुनाऊं

हाँ एक लड़की हूँ मैं

बंद कोई खिड़की हूं मैं।


मुझको यहां सब बस घूरते ही रहते 

आँखों से बदन को नोचते ही रहते 

सहमी हुई कली हूं मैं

हाँ एक लड़की हूँ मैं

बंद कोई खिड़की हूं मैं

हाँ एक लड़की हूँ मैं।


मेरे लिए पैदा होना और पैदा करना

दोनों ही दर्द से भरे हैं

वज़ूद अपना बचाने की ख़ातिर

मैंने हज़ारों जतन किए हैं।


आज़ाद होकर कैसे घूमूं कैसे देखूं

गली मैं अपने शहर की

जहां देखो जिधर देखो हर ओर

छिछोरे ही छिछोरे खड़े हैं।


डरी हुई वो बंदी हूँ मैं

हाँ एक लड़की हूँ मैं

बंद कोई खिड़की हूं मैं

हाँ एक लड़की हूँ मैं।


हमें अपनी मर्ज़ी से कुछ भी

करने की इज़ाज़त नहीं हैं

हमें लड़कों की तरह खुलकर

जीने की इज़ाज़त नहीं हैं।


वो रेप भी कर दे तो सब चलता है

इस सभ्य समाज में

हमें दर्द भी हो तो यहां पर

चिल्लाने की इज़ाज़त नहीं हैं।


दफ़्नाई गई बच्ची हूँ मैं

हाँ एक लड़की हूँ मैं

बंद कोई खिड़की हूं मैं

हाँ एक लड़की हूँ मैं।


निशानी मैं अपनी क्या बताऊं

कहानी मैं अपनी क्या सुनाऊं

हाँ एक लड़की हूँ मैं

बंद कोई खिड़की हूं मैं

हाँ एक लड़की हूँ मैं।


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