एक सवाल है मेरा
एक सवाल है मेरा
एक सवाल है मेरा, जिसका कोई जवाब नहीं
मोहब्बत की है तुमसे, जिसका कोई हिसाब नहीं।
पता नहीं, तुम्हारी कौनसी आदत दिल को छू गई
पता नहीं, तुम्हारी कौन सी अदा दिल में उतर गई।
न मैंने तुम्हारी आँखें देखा, न कोई अंदाज़ छुआ
न मैंने तुम्हारी बातें सुनी, न कोई अल्फ़ाज़ सुनी।
हिज़ाब से ढ़का वो एक चेहरा, था जिस पर पहरा
खुशबू से महसूस किया फिर, अहसास वो गहरा।
पता नहीं, तुम्हारी मौज़ूदगी क्यों अच्छी लगती है
पता नहीं, तुम्हारी सादगी क्यों सच्ची लगती है।
न मैंने तुम्हारा ख़्वाब देखा, न कोई ख़याल बुना
न मैंने तुम्हारा जवाब पढ़ा, न कोई सवाल बुना।
तुम्हारे साथ जब होता हूँ, बारिश होने लगती है
आसमां से ज़मीन की, सिफ़ारिश होने लगती है।
पता नहीं, तुम्हारे लिए ये दिल बेक़रार क्यों है,
पता नहीं, तुम्हारे लिए दिल में इंतज़ार क्यों है?
न मैंने तुम्हारा कल देखा, न कोई आज पूछा
न मैंने तुम्हारा मन पढ़ा, न कोई सवाल पूछा
हाँ एक आमाल है मेरा जिसका कोई सवाब नहीं
मोहब्बत की है तुमसे, जिसका कोई हिसाब नहीं ।

