तुम अगर साथ हो
तुम अगर साथ हो
मुस्कुराती सुबह खुशनुमा रात हो
प्यार ही प्यार हो,तुम अगर साथ हो
गम के बादल जो छाएं हैं,छंटने लगे
आरज़ू के सितारे नज़र आएंगे
रंज की धुंध गुम होने वाली है अब
गुनगुनी धूप है तुम अगर साथ हो
यूं तो तन्हा सफर थी अभी तक मेरी
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राह में तुम मिले हमसफर बन गए
अब ना मंज़िल के खोने की कोई फिकर
राह आसान है तुम अगर साथ हो
तुमसे मिलना भले एक संयोग था
पर ये रिश्ता हमारा तो जन्मों का है
यूं हीं मिलते रहें मौत के बाद भी
ज़िंदगी की तरह, तुम अगर साथ हो।