कल जरूर आना
कल जरूर आना
रुक जाओ कभी जिंदगी में,
अगर खामोश होकर,
बैठ जाना मेरे पास फिर से,
मेरी आगोश होकर,
मैं तुम्हारी यादों में जिंदा रहूंगा,
मुझे कभी मत भुलाना,
बस हर रोज़ कह देना,
कल जरूर आना,
अगर तू टूट जाएगी तो,
मैं तुझे थाम लूंगा,
मुझे साया ही समझना अपना,
तेरा हर जगह पर साथ दूंगा,
मैं तुम्हें देखता रहूंगा,
और तुम दुनिया जीत जाना,
बस मुझे एक बार, कहना,
कल जरूर आना,
फितरत जानता हूं मैं,
इस बेदर्द ज़माने की,
मगर तुम सच ही कहना,
नहीं ज़रूरत किसी बहाने की,
चलती रहेगी जिंदगी यूँ ही,
कभी किसी का आना और जाना,
तेरे हर कदम के साथ,
मैं था, मैं हूं और हमेशा रहूंगा,
तुम मत घबराना,
बस एक बार यूँ ही, गुनगुनाना
कल जरूर आना,
ये सच जानता हूं मैं ,
जाने वाला वापिस नहीं आता,
जो कमी हो गई किसी की,
वो कोई पूरी कर नहीं पाता,
एक एहसास ही तो है,
जो किसी को ज़िन्दा रखता है,
वरना कौन अकेले रहकर,
ज़िन्दगी को सन्न रखता है,
इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए,
कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए,
आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था,
आँख बंद की और उन्हीं सपनों में फिर सो गए,