सब कुछ आधा-आधा
सब कुछ आधा-आधा
सब कुछ आधा-आधा…
चलो मिलकर कर लें,
आज हम एक वादा
क्यों ना अपना बाँट लें,
हम सब कुछ आधा- आधा….
दु:ख भी आधा- आधा,
तो सुख भी आधा- आधा
खुशी भी आधी -आधी,
तो ग़म भी आधा- आधा….
ना तुमसे मुझे शिकवा हो,
ना मुझसे तुम्हें शिकायत
ना तेरे पास रहे कुछ कम,
ना मेरे पास रहे कुछ ज्यादा….
चाहे अलग हो तेरी मंजिल,
या अलग हो मेरे रास्ते
ना मैं पूछूँ आरज़ू तेरी,
ना तुम पूछो मेरा इरादा….
क्यों ना अपना बाँट लें,
हम सब कुछ आधा- आधा….।

