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DEVSHREE PAREEK

Abstract Tragedy Inspirational

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DEVSHREE PAREEK

Abstract Tragedy Inspirational

अज़ीब हक़ीक़त है ज़माने की…

अज़ीब हक़ीक़त है ज़माने की…

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अज़ीब हक़ीक़त है ज़माने की…

जो दिखता है

वो बिकता है…

लोग कहते हैं


अक्सर मेरे बारे में,

अपनी कोई और

तस्वीर दिखाओ

रहते हो कहाँ


पता या नम्बर बताओ

मैं अक्सर इन सवालों

को नज़रअंदाज़ करती हूँ…

अज़ीब हक़ीक़त है

ज़माने की…


हर बात नहीं होती

बतलाने की

ना मुझे चेहरे की

नुमाइश करनी है…


ना शोहरतों की

फ़रमाइश करनी है…

ऊपरवाले की दी हुई

शब्दों की दौलत

काफी है मेरे लिए


मेरे शब्द गर किसी के

मर्म को समझा पाए

किसी के दर्द को अगर

मेरी कलम

कुछ कम कर पाए

तो मैं खुद को

खुशकिस्मत समझूँगी…


वरना चेहरे तो

लाखों भरे हैं

एक से बढ़कर एक

खूबसूरत और

आकर्षक बड़े हैं…

परंतु मेरा दृष्टिकोण

कुछ भिन्न है

ऐसी अनर्गल बातों से

मन खिन्न हैं…


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