अजनबी मुलाकात
अजनबी मुलाकात
एक हसीन रात थी
जब कायनात साथ थी,
ज्यों चिलचिलाती धूप में
राहत भरी बरसात थी।
उस अजनबी को देखकर
अपना सा कुछ एहसास था,
ख्वाबों में थे मिले कभी
ऐसी वो मुलाकात थी।
उनकी निगाह जब मेरी
तलाशती नज़र पे थी,
उनको भरम भी न हुआ
बदली मेरी हयात थी ।