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Sarita Dikshit

Classics Inspirational

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Sarita Dikshit

Classics Inspirational

बुलंद हौसला

बुलंद हौसला

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हौसला बुलंद हो तो आसमां झुक जाएगा

गर इरादे नेक हो तो तय सफर हो जाएगा


राह में आएंगी यूं तो लाख बाधाएं मगर

रख भरोसा बाजुओं में, रास्ता मिल जाएगा


हारना न तू कभी, थक गया जो तू कभी

तम जो मन का छंट गया, तो उजाला आएगा


पर्वतों को रास्ता देने को कर मजबूर यूं 

ले हथौड़ा हाथ में, मांझी तभी बन जाएगा


यूं ही बनते हैं नहीं किस्से किसी के शौर्य के

ज़ख्म खा-खाकर ही कोई योद्धा बन पाएगा


दब के मिट्टी में कई सालों से था सोया हुआ

आज जागा बीज, अब जाके दरख़्त बनाएगा।


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