हुनर
हुनर
हमने सीखा तुम्हीं से नज़रे चुराने का हुनर
पर न सीख पाए, तुम्हें भुलाने का हुनर
सीखने - सिखाने का सिलसिला यूं चला
दर्दे इश्क ने भी सीखा, हमें रुलाने का हुनर
देख कर चलना, हर कदम संभालकर
अब तलक सीखा नहीं, तुमने गिराने का हुनर
सदियों से है कैद गम के कमरे में चुपचाप
कौन जानता है उसे,जी भर हंसाने का हुनर।