हौसला
हौसला
लड़ने का दुश्मनों से हौसला है
हर राहें साथ देता बस ख़ुदा है
आते है पेश गैरों की तरह ही
मुहब्बत तो अपनों की बेवफ़ा है
भुला है वो खू का रिश्ता मुहब्बत
की पैसों के लिए अपना लड़ा है
किसे मैं अपना हाले दिल सुनाऊँ
नहीं कोई भी अपना आशना है
कभी दिल की अपने कहते नहीं कुछ
निगाहें भर के वो बस देखता है
मुहब्बत का जिसे हर पल दिया गुल
मुहब्बत का न रक्खा राब्ता है
वो आया पेश तल्ख़े ज़ुबां से
नहीं वो प्यार से आज़म मिला है
आज़म नैय्यर

