विवाह कर ले सनम
विवाह कर ले सनम
सपने में रातभर देखा विवाह है
लेकिन पता नहीं किसका विवाह है
दिल यूं दुखा बहुत है आज तो मेरा
ए यार आज उसका विवाह है
जो फ़ूल प्यार बरसाता था मुझपर
वो आज आकर के बोला विवाह है
ख़ामोश हो गये है वो लब हंसी से ही
जब से उसी का ही टूटा विवाह है
उसनें कहाँ था दूंगी साथ उम्रभर
के आज ख़त में ही लिक्खा विवाह है
दिल जल रहा बहुत है आज तो मेरा
उस बेवफ़ा ने कल रक्खा विवाह है
के ख़्वाब देखता आज़म हंसी यही
होना न जाने कब अपना विवाह है।
