पैसा
पैसा
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मजदूरी का कल मिला नहीं पैसा
लूँ कैसे अब दवा नहीं पैसा
यूं न आटा ख़रीद पाया हूँ
पास में कल बचा नहीं पैसा
पूछता ही नहीं उसे कोई
पास जिसने हुआ नहीं पैसा
है पता क्या औक़ात है तेरी
यूं मुझे मत दिखा नहीं पैसा
यूं न रख तू मगर अकड़ दिल में
पास रहता सदा नहीं पैसा
रो रहा यूं किसान हालत पर
दे रहा रहनुमा नहीं पैसा
ईद लूँ किस तरह कपडे़ आज़म
जेब में ही रहा नहीं पैसा।