खेले बच्चे
खेले बच्चे
आंगन में खूब यहाँ खेले बच्चे हैं
किसके इतने देखो प्यारे बच्चे हैं
जुल्म ग़रीबी ही कैसा करती है ये
आज दुखी सड़कों पर देखे बच्चे हैं
सारा दिन की ही थकन दोस्त उतर जाती
जब आकर मुझसे ही मिलते बच्चे है
जुल्म कभी मत यार करो, सोचो कुछ तो
मासूम बहुत दिल के होते बच्चे है
गुल खिल जाते है सब यार गुलिस्तां के
देखो जब ख़ुश होकर चलते बच्चे है
मुफ़लिस कैसे जिद पूरी दोस्त करें ये
खूब खिलौनों की जिद करते बच्चे है
दिल आज़म करता है बच्चा हो जाऊं
सबसे भोले सबसे सच्चे बच्चे हैं।