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aazam nayyar

Abstract Crime Fantasy

4  

aazam nayyar

Abstract Crime Fantasy

हसीन चेहरा

हसीन चेहरा

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वो दिखाकर गया है अदा ख़्वाब में 

बन गया प्यार का सिलसला ख़्वाब में 


वो हक़ीक़त में आता नहीं रू ब रू 

सच कहूँ वो मुझे कल मिला ख़्वाब में 


जो मेरे साथ बोला नहीं है कभी 

रात उसनें किया है गिला ख़्वाब में 


और कोई नहीं चेहरा आये नज़र 

ए ख़ुदा वो मिले बस सदा ख़्वाब में 


जो रहा है ख़फ़ा ज़िंदगी भर बहुत

जोड़कर वो गया वास्ता ख़्वाब में 


है कहानी अधूरी मेरे प्यार की 

याद में रोज़ आज़म जला ख़्वाब में।


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