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aazam nayyar

Abstract Romance Fantasy

4  

aazam nayyar

Abstract Romance Fantasy

प्यार

प्यार

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हाँ निभा ले दोस्ती तू प्यार से 

छोड़ दे अब दुश्मनी तू प्यार से 


तल्ख़ लहज़ा छोड़ दे अपना ज़रा 

कुछ सुना दे शाइरी तू प्यार से 


छोड़ दे करने गिले शिकवे ज़रा 

ऐ सनम दे ये कली तू प्यार से 


छोड़ दे लड़ना यहाँ सबसे मगर 

जी ले अपनी ज़िंदगी तू प्यार से 


जुल्म करके क्या मिलेगा प्यार में 

कर ज़रा ये आशिक़ी तू प्यार से


दुश्मनी का सिलसिला होता न फ़िर 

पेश आता लाज़िमी तू प्यार से


मत रहा कर तू आज़म से यूं ख़फ़ा 

आ गले लग जा सनम की तू प्यार दे।


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