कोहराम के पीछे छिपा है एक सन्नाटा, न जाने सन्नाटे से भरी ये हवा क्यों है ।। कोहराम के पीछे छिपा है एक सन्नाटा, न जाने सन्नाटे से भरी ये हवा क्यों है ।।
इसी प्रकार चेहरे की हालत, बिगड़ी नजर आती हैं। हे शशिबाला ! क्या हुआ ! इसी प्रकार चेहरे की हालत, बिगड़ी नजर आती हैं। हे शशिबाला ! क्या हुआ !
आँसू के एक बूँद इतना गरम क्यों? पता नहीं...! आँसू के एक बूँद इतना गरम क्यों? पता नहीं...!