वो हमसे खफा क्यों है
वो हमसे खफा क्यों है
बैचेनी बढ़ती जाती है,
न जाने हम पे ये जफा क्यों है ?
क्या गलती हुई हमसे न जाने,
न जाने वो हमसे खफा क्यों है ?
लाख मनाए मानते नहीं,
न जाने ऐसी सज़ा क्यों है ?
कोहराम के पीछे छिपा है एक सन्नाटा,
न जाने सन्नाटे से भरी ये हवा क्यों है ?
