फक्र है
फक्र है
ज़िन्दगी जीने का देखो
सलीका बदल सा जा रहा है,
आगे मौत है,
लब मुस्कुराता जा रहा है,
तोड़ दिए हैं गुरूर उस दुश्मन का,
घर में मेरे घुस के जो,
घुसपैठ किये जा रहा है।।
ज़िन्दगी जीने का देखो
सलीका बदल सा जा रहा है,
आगे मौत है,
लब मुस्कुराता जा रहा है,
तोड़ दिए हैं गुरूर उस दुश्मन का,
घर में मेरे घुस के जो,
घुसपैठ किये जा रहा है।।