यह तेल बढ़ता क्यों नहीं पानी से जैसे दूध बढ़ जाता हैं पानी से यह तेल बढ़ता क्यों नहीं पानी से जैसे दूध बढ़ जाता हैं पानी से
कैसा ये विधान विधि का कैसा ये संयोग ? कोमल कलियों में छिपे हुए होते काँटों के योग। कैसा ये विधान विधि का कैसा ये संयोग ? कोमल कलियों में छिपे हुए होते काँटों के य...
आसमां ने तो ढकने की कोशिश की मगर कुंठित सी धरती तो अब भी रोने को है, कोई तो बढाये कदम थाम लेने की खा... आसमां ने तो ढकने की कोशिश की मगर कुंठित सी धरती तो अब भी रोने को है, कोई तो बढाय...
तों बिन चक्की के घूरे आटा कैसे निकल सकता हैं.... तों बिन चक्की के घूरे आटा कैसे निकल सकता हैं....
आप हमारे प्रति संवेदना दिखाती हो अपनेपन का एहसास कराती हो आप हमारे प्रति संवेदना दिखाती हो अपनेपन का एहसास कराती हो
तुम्हारे लिए मैंने कुछ भी नहीं है बनवाया न एक घर छिपाने को सर, तुम्हारे लिए मैंने कुछ भी नहीं है बनवाया न एक घर छिपाने को सर,