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ritesh deo

Romance

4  

ritesh deo

Romance

जादू

जादू

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हैरान आंखों से

बचपन में देखा जादू करते

जादूगर को


कभी टोपी से निकल देता चिड़िया

कभी गायब हो जाते सिक्के

बदल देता कभी ताश के पत्ते

आंखों के सामने


बड़े हुए तो लगा पता

सब हाथ की सफाई थी किसी की

और धोखा हुआ था आंखों को


तब यूं लगा कि बचपन गया और

साथ में अपने सारा का सारा

जादू भी ले गया !!


फिर तुम मिले

और देखा मैंने

चांद को बदलते हुए तुम्हारे चेहरे में

मैंने सुनी हर आवाज़ में बातें तुम्हारी

तुम्हारे आने पर

पतझड़ को बसंत होते देखा

और तुम्हारे जाते ही देखी

धुआं होती मेरी आंखों में जो थी हंसी


तब मैंने जाना

इस पृथ्वी पर

जादू कभी ख़त्म नहीं होगा ।।


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