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Vivek Agarwal

Romance

4.9  

Vivek Agarwal

Romance

बड़ा टूट कर दिल लगाया है हम ने

बड़ा टूट कर दिल लगाया है हम ने

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बड़ी ख़ूबसूरत शिकायत है तुझको 

कि ख़्वाबों में अक्सर बुलाया है हम ने

बड़ी आरज़ू थी हमें वस्ल की पर

जुदाई को हमदम बनाया है हमने


तेरा अक्स आँखों में हमने छिपाया

तभी तो न आँसू भी हमने बहाए

तेरा नूर दिल में अभी तक है रोशन

'अक़ीदत से तुझको इबादत बनाकर

लबों पर ग़ज़ल सा सजाया है हमने


भुलाना तो चाहा भुला हम न पाए

तेरी याद हर पल सताती है हमको

नहीं आज कल की है तुझसे मोहब्बत

बड़ी मुद्दतों से बड़ी शिद्दतों से

बड़ा टूट कर दिल लगाया है हम ने 


सबब आशिक़ी का भला क्या बतायें

ये दिल की लगी है तो बस दिल ही जाने

न सोचा न समझा मोहब्बत से पहले

सुकूं चैन अपना मेरी जान सब कुछ

तेरी जुस्तुजू में गँवाया है हमने।


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