दिकुप्रेम मिलन
दिकुप्रेम मिलन
सुनो दिकु...
मैं जानता हूँ कि वक्त ने तुम्हें बहुत ज़्यादा तकलीफें दी है
बड़ी मुश्किल से तुम ने खुद को संभाला होगा
न चाहते हुए भी तुम ने
हमारी यादों को अपने दिमाग से निकाला होगा
हर वोह वक्त, हर वोह जगह, जहाँ हम ने बाते की थी
हकीकत से भी खूबसूरत वीडियो कॉल पर मुलाकातें की थी
वहां मेरी यादों ने तुम्हें खूब सताया होगा
तुम्हारा कोमल-सा ह्रदय न जाने इसे कैसे सह पाया होगा?
जीव नभर मेरी यही कामना रहेगी, कि तुम सदा सुखी रहो
ज़्यादा जगह नहीं चाहता, बस अपने दिल के किसी कोने में मुजे रखी रहो
प्रेम अपने जीवन के आखरी क्षणों तक तुम से प्यार करता रहेगा
दिकुप्रेम के एक मिलन के लिए निरंतर तरसता रहेगा
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए।