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Avitesh R

Others

5.0  

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मेरी माँ

मेरी माँ

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आज महफ़िल में बेपनाह मुहब्बत की बात आयी है 

मुझे रह रह के मेरी माँ की याद आयी है  I


वो जो मुझे बिना देखे मुझसे प्यार कर बैठी थी,

दुनिया में मेरे आने के लिए हर दर्द हँस के सहती थी I 

इश्क़ तो आँखों से शुरू होके दिल में उतरता है,

पर उसकी मुहब्बत मेरे लिए एक तरफ़ा बहती थी I

उसके मुझे देखने और जानने से पहली ही, 

मैं उसकी हूँ ये सबसे कहती रहती थी I

हाँ उसने मुझे अपनी खुशियाँ की वजह बतायी है, 

आज मुझे रह रह के मेरी माँ की याद आयी है I


वो ही है जिसने जीने का सबक सिखाया है, 

हर मुश्किल से कैसे लड़ें उसने ही समझाया है I

जब टूट चुकी थी पूरी तरह से हिम्मत न थी बिलकुल,

तब मेरी माँ ने हाथ पकड़ के मुझे आगे बढ़ाया है I

वो चाहे ख़फ़ा हो या न हो, पास हो या न हो ,

हर वक़्त उसने अपना फ़र्ज़ निभाया है I

अरे माँ के कदमों में तो उस खुदा ने भी जन्नत बनायी है 

आज मुझे रह रह के मेरी माँ की याद आयी है I


ख़ुदा का दिल दुखाया है उसने,

बुढ़ापे में माँ को ठुकराया है जिसने I 

माँ है तो दुनिया है खुशियों वाली,

उसके होने से ही है हर दिन दिवाली I

आज भी रहे मेरे बाद भी रहे,

मेरी माँ का आँगन खुशियों से आबाद रहे I 

बस वही है जो हमेशा मुझे देख कर मुस्करायी है,

आज मुझे रह रह के मेरी माँ की याद आयी है I


आज महफ़िल में बेपनाह मुहब्बत की बात आयी है 

मुझे रह रह के मेरी माँ की याद आयी है  I




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