मेरी माँ
मेरी माँ
आज महफ़िल में बेपनाह मुहब्बत की बात आयी है
मुझे रह रह के मेरी माँ की याद आयी है I
वो जो मुझे बिना देखे मुझसे प्यार कर बैठी थी,
दुनिया में मेरे आने के लिए हर दर्द हँस के सहती थी I
इश्क़ तो आँखों से शुरू होके दिल में उतरता है,
पर उसकी मुहब्बत मेरे लिए एक तरफ़ा बहती थी I
उसके मुझे देखने और जानने से पहली ही,
मैं उसकी हूँ ये सबसे कहती रहती थी I
हाँ उसने मुझे अपनी खुशियाँ की वजह बतायी है,
आज मुझे रह रह के मेरी माँ की याद आयी है I
वो ही है जिसने जीने का सबक सिखाया है,
हर मुश्किल से कैसे लड़ें उसने ही समझाया है I
जब टूट चुकी थी पूरी तरह से हिम्मत न थी बिलकुल,
तब मेरी माँ ने हाथ पकड़ के मुझे आगे बढ़ाया है I
वो चाहे ख़फ़ा हो या न हो, पास हो या न हो ,
हर वक़्त उसने अपना फ़र्ज़ निभाया है I
अरे माँ के कदमों में तो उस खुदा ने भी जन्नत बनायी है
आज मुझे रह रह के मेरी माँ की याद आयी है I
ख़ुदा का दिल दुखाया है उसने,
बुढ़ापे में माँ को ठुकराया है जिसने I
माँ है तो दुनिया है खुशियों वाली,
उसके होने से ही है हर दिन दिवाली I
आज भी रहे मेरे बाद भी रहे,
मेरी माँ का आँगन खुशियों से आबाद रहे I
बस वही है जो हमेशा मुझे देख कर मुस्करायी है,
आज मुझे रह रह के मेरी माँ की याद आयी है I
आज महफ़िल में बेपनाह मुहब्बत की बात आयी है
मुझे रह रह के मेरी माँ की याद आयी है I