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Avitesh R

Romance

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Avitesh R

Romance

मुहब्बत का पहला कदम

मुहब्बत का पहला कदम

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मुहब्बत में पहला कदम 

बढ़ता है कुछ इस कदर 

ज़माना दूर की बात है 

हमें भी नहीं होती खबर 


जब देखा तुझे पहली बार,

हाँ वो प्यार तो नहीं था 

पर तू पसंद आया, 

इससे इंकार भी नहीं था 


तेरी आँखे थी जो मुझे 

अपनी ओर बुलाती थी 

तभी तो में भी तेरी ओर 

मुस्कराके पलकें झुकाती थी 


जब तुमने पहली बार 

पकड़ा था हाथ मेरा 

शर्म से लाल हो गया था 

ये मेरा मासूम सा चेहरा 


फिर शुरू हुआ एक प्यारा 

सिलसिला मुलाकातों का 

हमारी देर तक चलने वाली 

प्यार भरी लम्बी बातो का 


ये मुहब्बत का पहला कदम 

हमने तो बस बढ़ा दिया था 

सफर के अंज़ाम की परवाह नहीं  

हमने कोनसा कोई गुनाह किया था


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