पन्नो पर कविता
पन्नो पर कविता
किताबों के पन्नो में कहीं ठहरी सी मिली एक कविता,
आंखों में शोर सी गूंजती मिली एक कविता,।।
कागज़ की ज़मीन पर मोतियों सी बिखरी कविता,
सावन में बूंदों सी बरसी कविता,
शोर के मंजर में गूंजी है कविता,
साहित्य सफ़र में एक मोड़ है कविता,।।
किताबों के पन्नो में कही ठहरी सी मिली एक कविता,
आंखों में शोर सी गूंजती मिली एक कविता,।।
भोर की पहली किरण है कविता,
सांझ की ढलती धूप है कविता,
जलती उस शमा की तपिश है कविता,
किसी के राज़ किसी की हमदर्द है कविता,।।
किताबों के पन्नो में कही ठहरी सी मिली एक कविता,
आंखों में शोर सी गूंजती मिली एक कविता,।।
किसी की आंखों का इंतज़ार है कविता,
कभी राग कभी गीत है कविता,
एक पाक एतबार है कविता,
ख़ामोशी की ज़ुबान है कविता,।।