पन्नों पर आखर उकेरें हैं हमने सूरत को याद तेरी करते करते , शब्दों को आवाज़ दे न सके हम ... पन्नों पर आखर उकेरें हैं हमने सूरत को याद तेरी करते करते , शब्दों को आ...
मेरी कलम में स्याही नहीं रौशनाई है। मेरी कलम में स्याही नहीं रौशनाई है।
बहुत नादान है ये दिल कुछ समझता ही नहीं इसलिए तुम समझाती रहो हम समझते रहेंगे। बहुत नादान है ये दिल कुछ समझता ही नहीं इसलिए तुम समझाती रहो हम समझते रह...
प्यारो मेरे कुछ तो सीखो, ढाई आखर प्रेम का रे! प्यारो मेरे कुछ तो सीखो, ढाई आखर प्रेम का रे!
बिन आखर बिन शब्द के रामायण, गीता, वेद, कुरान गुप्त रह बेमोल हो जाते। बिन आखर बिन शब्द के रामायण, गीता, वेद, कुरान गुप्त रह बेमोल हो जाते।
उसने कहा ..…. तुमने पढ़े हैं ग्रन्थ वेद और भागवत। उसने कहा ..…. तुमने पढ़े हैं ग्रन्थ वेद और भागवत।