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Arunima Bahadur

Inspirational

4  

Arunima Bahadur

Inspirational

ढाई आखर प्रेम का

ढाई आखर प्रेम का

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बड़े बड़ो की दुनिया ये,

पढ़े लिखो की दुनिया ये,

ढाई आखर न जीना सीखे,

हाय कैसी ये दुनिया रे,

भटक भटक रे खुद को खोया,

कैसी नादान ये दुनिया रे,

प्यारो मेरे कुछ तो सीखो,

ढाई आखर प्रेम का रे,

मिट जाए हर शूल फिर तेरे,

जो तू इसको सीखा रे,

अजब गजब सी दुनिया ये,

लगेगी बहुत ही प्यारी रे,

चल चल तू नादान हे बालक,

सीख तनिक नादानी रे,

प्रेम में जी,और प्रेम लुटा,

बना प्रेम की क्यारी रे,

सीच प्रेम से,जी प्रेम से,

बना नई सी फुलवारी से

कब जागेगा,जाग तनिक अब,

वरण आएगी जाने की बारी रे,

चल जरा वसुधा सजा ले,

प्रेम की फुलवारी से,

प्रेम की फुलवारी से।।


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