सीख
सीख
बचपन के खेल
समुद्र के किनारे
मिट्टी पर खेलना
मिट्टी के घरोंदे
या महल बनाना
था पसंदीदा खेल
मजे में उन्हे तोड़ना
लहरों का बहा ले जाना
कभी न लगता था बुरा।
बड़े हुए तो समझ आया
कितना अंतर होता है
घरौंदे बनाने व तोड़ने में।
जो बात तब हंसी में उड़ाते थे
आज वही नींद उड़ा देती है।
जिंदगी के थपेड़ों ने दी यही सीख
अगर किसी का घरौंदा बना नहीं सकते
तो कम से कम तोड़ो तो नहीं
बहुत मेहनत से बनता है
प्यारा सा घरौंदा
सहेज कर रखना जरूरी
एक बार जो टूटा
दौबारा न बन पाएगा।
