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Vijayendra Kamath

Drama

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Vijayendra Kamath

Drama

हम हैं मोटरमैन

हम हैं मोटरमैन

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हम सभी मोटरमैन है भाई यातायात हम चलाते हैं

मुंबई की धमनी कहलाने वाले, रेल का बीड़ा उठाते हैं।


घर से काम पर जाने वाले, काम से फिर घर आने वाले,

यात्रियों को गंतव्य स्थान तक पहुंचाते हैं।


आंधी आये या तूफ़ान, गाड़ी चलानेसे नहीं डरते हैं

बाड आगयी तो गहरायी नाप के आगे बढ़ते हैं।


काम का कोई वक़्त नहीं है, न नींद का कोई ठिकाना है

आँखों में भले तेल डालके यात्रियों को घर पहुंचाना है।


इतवार हो या त्यौहार हो हम को सब दिन एक है

काम करना फ़र्ज़ है हमारा ये काम सबसे नेक है।


खतरों से यह गिरी नौकरी, सतर्कता से काम करते हैं

याद करके कोपरी हादसा, प्रिय "रामचंद्र" को याद करते हैं।


गाड़ी चलाना कर्म है हमारा, कर्म ही हमारी पूजा है

हम सभी मोटरमैन है भाई हमसा कोई ना दूजा है।


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