Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

मैं सीख गया हूँ

मैं सीख गया हूँ

1 min
340


बहुत होशियार थी वो जो हमेशा

कुछ ना कुछ सिखाया करतीं थीं।

सीखना बहुत जरूरी है और ना जाने,

क्या क्या मुझे बताया करती थीं।


मुझे उसकी हर बातें बेतुकी लगतीं थीं,

मैं सुनकर नजरअंदाज कर देता था।

वह अंधेरे से कभी कभी डरतीं थीं,

फिर भी मैं उसे संभाल लेता था।


एक दिन बिन बताए चली गई और,

अब उसका कोई पता नहीं है

जो मुझे टूटकर चाहतीं थीं कभी,

वो खुद आजकल लापता कहीं है।


पुलिस स्टेशन से एक फोन आया,

और कहा आपको यहां आना पड़ेगा।

पहचान तो पता किया हैं हमने पर,

आपको भी आकर कुछ बताना पड़ेगा।


बताया उसका इस दुनिया से कोई नहीं,

अब केवल जायदाद का ही किस्सा है।

टूटकर चाहतीं होगी इसलिए पेपर पर,

तुम्हारे नाम का ही सारा हिस्सा है।


कहा जायदाद नहीं चाहिए मुझे,

मैं सिर्फ उसे ही पाना चाहता हूं।

मैं सब कुछ सीख रहा हूं धीरे धीरे,

बस यही बातें बताना चाहता हूं।


दिखाना चाहता हूं उसे कि देखो,

मैं भी सब्र करना सीख गया हूं।

तुम्हारी सारी सीख याद है मुझे,

प्यार की कद्र करना सीख गया हूं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama