इश्क
इश्क
ऐसे ना हुआ पहले कभी,
ना होगा कभी इसके बाद,
महसूस हुई है खुशी,
महफ़ूज रखेंगे सदा इसे,
दूर कहीं जा ना सके,
जब जब याद आए,
ये पल कभी खत्म ना हो,
इसका हम ध्यान रखे,
दिल से दिल की बात कहके रहेंगे
अब तक जो कह ना सके,
आज कहके रहेंगे,
संभल ऐ लम्हे,
कहीं गुमराह ना हो जाए,
दूर कहीं चले भी गए,
तो खोजकर वापस लाएंगे,
ऐ लम्हे ठहर जा,
ऐ वक़्त तू गुज़र जा,
हमे जीना है इस लम्हे को,
अब यही है आखरी चाह,
जीना है तुम्हारे संग,
अब साथ भी सिर्फ तुम्हारा ही पसंद,
चले भी जाओ कहीं,
तो मेरी जुस्तजू भी तुम्ही,
तेरे बिन इश्क असंभव है,
तुझ बिन रहना नापसंद है,
दिल तो टूटा है,
पर जोड़ने की जरूरत नहीं,
अब जो आखरी लम्हा
तुम्हारा बनके जीने का,
यही रहे बेकरार,
ऐ लम्हे ठहर जा,
ऐ वक़्त तू गुज़र जा,
हमे जीना इसी लम्हे को है,
जब खत्म हो,
तो हमारा वक़्त आ जाएगा गुज़रने का,
दिल तो है मेरा ये तो सच है,
मगर मेरे पास नहीं,
तुम्हारे हवाले है,
ख्याल रखना उसका,
जैसे रखा है मैंने,
क्योंकि अब मेरे पास दिल नहीं,
और तुम्हारे पास दो हैं।