माँ
माँ
घने जंगल में
ऊँचे डाल पर बने घोंसले में
चिडियों के बच्चे
बिना भय पलते हैं
उन्हें यह सुकून रहता है
इन्हें कोई डर नहीं है
वे दुश्मन के पहुँच से दूर हैं
डर को जानती है माँ
खींच लाती है माँ जंगल से
साँप का गंध
चोंच में भर कर
फूँक देती है बच्चों के मुँह पर
साँप का गंध
शत्रु की पहचान कराती है
निश्चिन्त हो जाती है।
