Asha Pandey 'Taslim'
Tragedy
जिस दिन बिखरेंगे
ताश के पत्ते
उस दिन
पत्ते-पत्ते बतायेंगे
जुआरी के हाथ में
खुजली कहाँ होती थी
कहाँ फटा था बवाई
कहाँ दरकी थीं रेखाएँ
बस वो दिन
जुआरी के हार की खीज पर
फेंक दिये गये
पत्ते की बिखरन से तय होगा।
जड़
कविता
पालनहार
गुनहगार
मसीहा
झींगुर
फ़न
बिखराव
_टेहलुआ
आरजू
यकीन कर लो तुम उसका वह झूठ ना कह रहा है। नजूमी है बड़ा जीत तुम ना पाओगे उससे हुज्जत में यकीन कर लो तुम उसका वह झूठ ना कह रहा है। नजूमी है बड़ा जीत तुम ना पाओगे उससे ह...
है कोई मज़बूरी या जानबूझकर जुल्म ढाये जा रहे हैं। है कोई मज़बूरी या जानबूझकर जुल्म ढाये जा रहे हैं।
यह सीधे-साधे लोग हैं बैर ना है कोई इनके दिलों में। ना करो ऐसी बातें यहाँ कि इनमें आपस यह सीधे-साधे लोग हैं बैर ना है कोई इनके दिलों में। ना करो ऐसी बातें यहाँ कि इ...
जाने किस देश को तुम हो चली गई। मन मेरा ढूंढता है बस तुम्हें हर घड़ी। जाने किस देश को तुम हो चली गई। मन मेरा ढूंढता है बस तुम्हें हर घड़ी।
जिसको हमने अपना समझा, उसने हमसे दगा किया। जिसको हमने अपना समझा, उसने हमसे दगा किया।
ये घाव तो है मेरी रूह के मैं दिखाऊं तो इन्हें कैसे दिखाऊं ये घाव तो है मेरी रूह के मैं दिखाऊं तो इन्हें कैसे दिखाऊं
अन्यथा नहीं बचेगा अपना ये महान राष्ट्र, अगर नहीं चुनेंगे देश का नेता आप भ्रष्ट। अन्यथा नहीं बचेगा अपना ये महान राष्ट्र, अगर नहीं चुनेंगे देश का नेता आप भ्रष्...
आपका क्या ख्याल है क्या वास्तव में ही बेरोजगारी है। आपका क्या ख्याल है क्या वास्तव में ही बेरोजगारी है।
हाथों की लकीरों में क्या पढ़ता है कि आगे क्या होगा हाथों की लकीरों में क्या पढ़ता है कि आगे क्या होगा
गरीबों के लिए दिन-ब-दिन, मुसीबत बनती जाती है यह गरीबी। गरीबों के लिए दिन-ब-दिन, मुसीबत बनती जाती है यह गरीबी।
जाने क्या बात है कि नींद नहीं आती एक तेरी याद है जो कभी नहीं जाती। जाने क्या बात है कि नींद नहीं आती एक तेरी याद है जो कभी नहीं जाती।
हमने भी देखे है दुनिया में पैसे वाले बहुत पर खुश हो सभी भी ये तो मुमकिन नहीं। हमने भी देखे है दुनिया में पैसे वाले बहुत पर खुश हो सभी भी ये तो मुमकिन नहीं।
जुड़ता जा रहा नव अध्याय, जीवन के इस मोड़ में। जुड़ता जा रहा नव अध्याय, जीवन के इस मोड़ में।
उसे अश्कों से कहाँ बहाते हैं लोग .. दिल के आईने में जो अक्स दिखता है उसे अश्कों से कहाँ बहाते हैं लोग .. दिल के आईने में जो अक्स दिखता है
बड़े बदकिस्मत है वो माँ-बाप भी यूँ जिनके बच्चे बेअदब हो गए हैं। बड़े बदकिस्मत है वो माँ-बाप भी यूँ जिनके बच्चे बेअदब हो गए हैं।
दीवारों पर हरी घास चढ़ गई है,,, छतें सभी बेकार हो गई हैं,,, दीवारों पर हरी घास चढ़ गई है,,, छतें सभी बेकार हो गई हैं,,,
तुमसे कोई भी सिफारिश की हैं क्या कभी आदतन कैसे ये आँखें भी दीदार सी हो गयी। तुमसे कोई भी सिफारिश की हैं क्या कभी आदतन कैसे ये आँखें भी दीदार सी हो गयी।
इंसान जीवन को अब ना जीता है,,, जीवन इंसान को जीता है!!! इंसान जीवन को अब ना जीता है,,, जीवन इंसान को जीता है!!!
है हर नज़र में अब बस मेरा ही घर शहर में। जो मकान था दीवार-ए-दर सजाने से पहले है हर नज़र में अब बस मेरा ही घर शहर में। जो मकान था दीवार-ए-दर सजाने से पहले