बिखराव
बिखराव
जिस दिन बिखरेंगे
ताश के पत्ते
उस दिन
पत्ते-पत्ते बतायेंगे
जुआरी के हाथ में
खुजली कहाँ होती थी
कहाँ फटा था बवाई
कहाँ दरकी थीं रेखाएँ
बस वो दिन
जुआरी के हार की खीज पर
फेंक दिये गये
पत्ते की बिखरन से तय होगा।
जिस दिन बिखरेंगे
ताश के पत्ते
उस दिन
पत्ते-पत्ते बतायेंगे
जुआरी के हाथ में
खुजली कहाँ होती थी
कहाँ फटा था बवाई
कहाँ दरकी थीं रेखाएँ
बस वो दिन
जुआरी के हार की खीज पर
फेंक दिये गये
पत्ते की बिखरन से तय होगा।