Asha Pandey 'Taslim'
Drama
सुरुर और मस्ती
आसमानी चीज़ है
उतार लाता है वही
जिसे ये फ़न आता है
सरुर और मस्ती की
जब भी बात चले
उस "पासी" को
अनदेखा नहीं किया जा सकता
जिसके मटके में भर आता है
बूँद बू़द सरुर
फैल जाती है नस नस में
धीरे धीरे आसमानी मस्ती।
जड़
कविता
पालनहार
गुनहगार
मसीहा
झींगुर
फ़न
बिखराव
_टेहलुआ
आरजू
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जो कभी सांसों में मेरे बसता था खुसबू की तरह ,अब लहू बन के रिसता हैं किसी पुराने ज़ख्म की तरह जो कभी सांसों में मेरे बसता था खुसबू की तरह ,अब लहू बन के रिसता हैं किसी पुराने...
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ढूंढ रहा हूँ अपनी कविताएँ.... ढूंढ रहा हूँ अपनी कविताएँ....
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This is poem about life and narrated in very simple words. The wisdom we might have lost in day to d... This is poem about life and narrated in very simple words. The wisdom we might h...
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बंदगी मे बस एक ही दुआ मांगो जिंदगी का बसर चाहे जितना कठिन हो| बंदगी मे बस एक ही दुआ मांगो जिंदगी का बसर चाहे जितना कठिन हो|
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कभी कही ना थी वो बात किसी से, जुबां पर वो मंडराती थी फिर दिल में जा बस जाती थी। कभी कही ना थी वो बात किसी से, जुबां पर वो मंडराती थी फिर दिल में जा बस जाती थी।
महलों वाली रानी भी सुने, महलों के राजा भी सुने प्रजा बोल रही है, हमारी भी आवाज़ सुने नींव के पत्थर... महलों वाली रानी भी सुने, महलों के राजा भी सुने प्रजा बोल रही है, हमारी भी आवाज़...
पापा की परी...बेटियाँ पापा की परी...बेटियाँ
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