Asha Pandey 'Taslim'
Drama
सुरुर और मस्ती
आसमानी चीज़ है
उतार लाता है वही
जिसे ये फ़न आता है
सरुर और मस्ती की
जब भी बात चले
उस "पासी" को
अनदेखा नहीं किया जा सकता
जिसके मटके में भर आता है
बूँद बू़द सरुर
फैल जाती है नस नस में
धीरे धीरे आसमानी मस्ती।
जड़
कविता
पालनहार
गुनहगार
मसीहा
झींगुर
फ़न
बिखराव
_टेहलुआ
आरजू
हौसलों के फूल कहीं सूख न जाये खारे आँसू की न बरसात कीजिये हौसलों के फूल कहीं सूख न जाये खारे आँसू की न बरसात कीजिये
सच्चाई को खुद का साया कर, ईमानदारी को बना हम-सफर, सच्चाई को खुद का साया कर, ईमानदारी को बना हम-सफर,
गलती ना करना समझ इनको भोली भाली, अपने पर आ जाए तो इतिहास बदल देती हैl गलती ना करना समझ इनको भोली भाली, अपने पर आ जाए तो इतिहास बदल देती हैl
पर इन दुनिया वालों ने तो है निकाला बस झूठे दिखावे का हल पर इन दुनिया वालों ने तो है निकाला बस झूठे दिखावे का हल
उसने सीखा लिखना अपना नाम जिसे कहते हैं सही और वह भर गई विश्वास से उसने सीखा लिखना अपना नाम जिसे कहते हैं सही और वह भर गई विश्वास से
अब कुछ फासले घटने लगे हैं, बस दूरियां रह जाएंगी।। अब कुछ फासले घटने लगे हैं, बस दूरियां रह जाएंगी।।
जो कह न सकी जुबान लफ़्ज़ों की शक्ल में उन बातों का मन को एहसास होना बाकी है जो कह न सकी जुबान लफ़्ज़ों की शक्ल में उन बातों का मन को एहसास होना बाकी है
क्यों तू छोड़े, सपने वो तेरे दुनिया को जो था बदलाना। क्यों तू छोड़े, सपने वो तेरे दुनिया को जो था बदलाना।
तुम्हारे मकान का नंबर आज भी याद है हमें तुम्हारे मकान का नंबर आज भी याद है हमें
क्यों मेहनत कभी तुमने करी नहीं क्यों अच्छाई तुमने चुनी नहीं क्यों मेहनत कभी तुमने करी नहीं क्यों अच्छाई तुमने चुनी नहीं
सड़क किनारे हरियाली और नीले आसमान को देखते अचानक वह भर जाती है अपराध बोध से सड़क किनारे हरियाली और नीले आसमान को देखते अचानक वह भर जाती है अपराध बो...
जो कभी शुरू ही नहीं हुई उस कहानी की बात क्या लिखूं जो कभी शुरू ही नहीं हुई उस कहानी की बात क्या लिखूं
इसका जवाब में तुम सबसे पूछता हूं अपने ख्वाबों के बंद ताबूतों में ढूंढता हूं इसका जवाब में तुम सबसे पूछता हूं अपने ख्वाबों के बंद ताबूतों में ढूंढता हूं
पर खुद भी कहा समाज में वह अपने लिए जगह बना पाते हैं पर खुद भी कहा समाज में वह अपने लिए जगह बना पाते हैं
सतरंगी रंगों से अपने तू आकर रंगना ख़ुशहाल ज़िंदगी हम देखें तेरा सपना। सतरंगी रंगों से अपने तू आकर रंगना ख़ुशहाल ज़िंदगी हम देखें तेरा सपना।
हाँ, माना तब गुस्सा करती थी लेकिन आज मैं उसे मिस करती हूँ हाँ, माना तब गुस्सा करती थी लेकिन आज मैं उसे मिस करती हूँ
प्रभु आशीष से हुए हैं दर्शन मन अपना अति प्रफुल्लित है, प्रभु आशीष से हुए हैं दर्शन मन अपना अति प्रफुल्लित है,
तेरा देखना फिर पलट जाना यूं, बहुत मजा आता है क्या सताने में तेरा देखना फिर पलट जाना यूं, बहुत मजा आता है क्या सताने में
तेरी थी खुशी, तो खुद हमने, खुद को ही मिटा डाला। मोहब्बत को अपनी….. तेरी थी खुशी, तो खुद हमने, खुद को ही मिटा डाला। मोहब्बत को अपनी…..
बीच सड़क पे अराजकता के कारण मां भारती रोज रोज शर्मसार हुई । बीच सड़क पे अराजकता के कारण मां भारती रोज रोज शर्मसार हुई ।