STORYMIRROR

Goldi Mishra

Drama Romance

4  

Goldi Mishra

Drama Romance

रंग दे मोहे

रंग दे मोहे

1 min
276



कोरी ओढ़ी है मैंने चूनर आज,

रंग दे मोहे हर रंग से तू आज।

भूल कर सब शिकवे गिले,

आज सब एक रंग में है रंगे,

आओ इस मौज में हम भी मनमौजी हो जाए,

भूल के सुध बुध इन रंगों में कही खो जाए।

कोरी ओढ़ी है मैंने चूनर आज,

रंग दे मोहे हर रंग से तू आज।

भीनी सी गुजियों की मिठास,

सांसो से दिल को छूता एक अनूठा सा एहसास,

फाल्गुन है आया,

संग रंगों की रुत है लाया।

कोरी ओढ़ी है मैंने चूनर आज,

रंग दे मोहे हर रंग से तू आज।

सब कड़वाहट सब बीत

ा पुराना होली की

आग में राख हो गया,

अगले ही पल नए रंगों से भरा सवेरा आ गया,

गूंज रही है तालियाँ तो कहीं सुनाई देती है ढोल की थाप,

हर किसी की होली अलग है,

किसी की झोली में रंग किसी की झोली बेरंग है।

कोरी ओढ़ी है मैंने चूनर आज,

रंग दे मोहे हर रंग से तू आज।

आंखों में रंग समेट कर तुझ संग होली खेलने की आस में बैठी हूं,

एक तेरे रंग में रंगने की खातिर मैं बेरंग बैठी हूं,

तुझ संग प्रीत लगा ये जोग लिया है मैंने,

इस फाल्गुन खुद को आज़ाद कर दिया है मैंने।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama