तेरी श्याम मूरत कान्हा, मन को मेरे अति सोहे तेरी श्याम मूरत कान्हा, मन को मेरे अति सोहे
तू तो छलिया गोपियों संग रास रचाए तू तो छलिया गोपियों संग रास रचाए
हर मूरत हो बोले जैसे, हर तरफ तू ही दिखे सँवारे हर मूरत हो बोले जैसे, हर तरफ तू ही दिखे सँवारे
कोरी ओढ़ी है मैंने चूनर आज, रंग दे मोहे हर रंग से तू आज। कोरी ओढ़ी है मैंने चूनर आज, रंग दे मोहे हर रंग से तू आज।