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Pankaj Prabhat

Drama Inspirational Others

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Pankaj Prabhat

Drama Inspirational Others

इरादा

इरादा

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मंज़िलों का मत शोर करो, मंज़िलें खुद शोर करती हैं,

वक़्त की गिनती नहीं होती, न हौसलों की बात होती है।

मराहील का ज़िक्र नहीं होता, न ज़िक्र नामुमकिनी का,

दुनिया बस मंज़िल पाने पर, शख्सियत पर गौर करती है।


किसी मंज़िल को पाने का, अब मन में इरादा है,

कोशिश की तमन्ना है, मेहनत का एक वादा है।

किसी मंज़िल को पाने का…..


सुना है हर मराहिल पर, मंज़िल के निशाँ होते हैं,

मगर जब तक ना ढूँढो, किस्सों के, गुमाँ से होते है।

हर इक किस्सों में, खुद बयान, होने का इरादा है।

कोशिश की तमन्ना है, मेहनत का एक वादा है।

किसी मंज़िल को पाने का…..


ये सोचा है की अपनी, हर कदम में हौसले भर दूँ,

नतीजा अब ये हो कि, हर गुमाँ को, हक़ीक़त कर दूँ।

हर इक मुश्किल को, ठोकर पर, लाने का इरादा है।

कोशिश की तमन्ना है, मेहनत का एक वादा है।

किसी मंज़िल को पाने का…..


न धूप की बेरुखी रोके, न अँधेरों का ही डर आए,

ये दुनिया क्या कहेगी, सोच कर न कदम रुक पाए।

हर एक बेजाँ तकल्लुफ़ से, बगावत, का इरादा है।

कोशिश की तमन्ना है, मेहनत का एक वादा है।

किसी मंज़िल को पाने का…..



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