वृक्ष साथी हमारा साथ दे जाता
वृक्ष साथी हमारा साथ दे जाता
साँसों में हर पल साथ निभाता,
जग के जन-जन तक खुशबू पहुँचाता,
जरुरत पड़ी तो लाठी बनकर,
दुश्मनों से रक्षा करता,
वृक्ष साथी हमारा साथ दे जाता।
गर्मी-जाड़ा-वर्षा की कहर में,
नभ के खग का सहारा बन जाता,
भुख लगी तो फल और अन्न,
गर्मी लगी तो छाया,
वृक्ष साथी हमारा साथ दे जाता।
घर का दरवाजा बन कर,
घर की रक्षा करता,
जब आदमी थक कर चूर हो जाता,
बिस्तर बनकर सहारा देता,
अँधों की लाठी, लंगड़ों का पाँव,
बन कर कदम बढ़ाता,
वृक्ष साथी हमारा साथ दे जाता।
जब कभी बीमार पड़ते दवा बनकर,
प्राणों की रक्षा करता,
बागों की हरियाली बनकर,
तन की थकान,
मन के तनाव दूर कर देता,
वृक्ष साथी हमारा साथ दे जाता।