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Vijay Kumar parashar "साखी"

Abstract Drama Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Abstract Drama Inspirational

"सर्दी रानी"

"सर्दी रानी"

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सर्दी रानी बहुत ज्यादा सयानी

खून को कर देती है, यह हिमानी

गलन को इतना ज्यादा है, बढ़ाती

हड्डी कंपकपा जाती, समझे जानी

सर्दी में कोहरा होता बड़ा तूफानी

उजालों को बनाती तम की कहानी

अच्छे-अच्छे को पिलाती है, पानी

सर्दी रानी बहुत ज्यादा सयानी

लेकर आई, सर्दी, इतना ठंड़ा पानी

नहाने में भी हो जाती, आनाकानी

सर्दी रानी करती, बहुत ही शैतानी

बुजुर्गों के लिए तो यह है, परेशानी

ऊनी वस्त्र पहने, यह कहे सर्दी रानी

नही तो याद आ जायेगी, तुम्हे नानी

सर्दी में सूर्य धूप लगती बड़ी, सुहानी

धूप में कभी भूलते, जग की कहानी

जो होशियारी में न पहनते, जर्सी स्वेटर

उन्हें सर्दी रानी देती, झुकाम का पानी

खाओ, पिओ, सबकुछ पच जायेगा,

स्वास्थ्य हेतु बहुत हितकर, सर्दी वाणी

गर्म दूध, जलेबी, रेवड़ियां देखकर तो,

किसी के भी मुँह में आ जाता पानी

सर्दी की बात सुनो, तुम सब जुबानी

सर्दी में दिन छोटे, रातें लंबी वरदानी

कर्मवीरों के लिए तो सर्दी वक्त दानी

जो कर्मवीर है, वो कर्म करते तूफानी

उनको तो लगती है, सर्दी रानी सुहानी

सर्दी रानी उन पर करती है, मेहरबानी

जो सर्दी को मानते ऋतुओं की रानी

सर्दी उनके लिए एक शब्द है, रूहानी

जो सर्दी को माने, कर्म प्रेरणा खानदानी

इस सर्दी प्रण ले, अपना लक्ष्य पूरा कर, ले

इसके हेतु कर्म करने में न करे, आनाकानी



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