Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

LALIT MOHAN DASH

Drama Inspirational

4  

LALIT MOHAN DASH

Drama Inspirational

बूढ़ा पेड़

बूढ़ा पेड़

1 min
268



उम्रदराजी कथित करती ये सुखी टहनियां 

बचे हरे पत्ते बता रहे जवानी की कहानियां।।


ढलती उम्र में सूखते जाना ये रस्मोरिवाज हैं 

सूखकर भी काम आना ये उम्र का लिहाज हैं ।।


कभी गूंजी थी इस डाली पर पंछियों की आवाज

राह देखता हूं अब बस छूटे कब आखरी निश्वास।।


याद आते हैं वो जवानी के दिन

फल और फूलों से भरे हुए दिन।।


याद आती वो बच्चों की नटखट टोलियां 

मुझ पर चढ़ते कूदते रहते उनकी कहानियां।।


कैसे भूल सकता हूं मैं पथिक की निशानियां

छाव में विश्राम करते सुख की वो अंगड़ाईया।।


घोंसले कितने बने मुझ पर उसका अंदाजा नहीं

डाल डाल पर नाचे पंछी उस आनंद का ठिकाना नहीं।।


हवा के झोंके संग कभी डोलता था मैं

बारिश में भीगते कभी झूमता था मैं।।


इन सब यादों को संजोए रखा हूं मैं

दूर बढ़ रहे पीढ़ी को बस अब देख रहा हूं मैं ।।


अनगिनत पीढ़ियां बढ़ चुकी हैं मेरे सामने

खड़ा था तबसे मैं उनकी आस बांधने।।


बूढ़ा हो चुका हूं, अब कोई आता नहीं पास

लोग बस सोचे चिता की लकड़ियों की कब रचेगी रास।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama