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Sunita Chavda

Drama Others

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Sunita Chavda

Drama Others

सबसे बड़ा पैसा

सबसे बड़ा पैसा

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रोटी कपड़ा और मकान,

जरूरत ह सबको इसकी एक समान,

इन सबसे बड़ा है पैसा,

सबका ललचाए ये मन,

इसका नशा उतरे ना ऐसा,

बन बैठा है सब इसका दास,

इसके बिना ना आये जीना रास,

जरूरत यही सबकी पूरी करवाता है ऐशो-

आराम कि जिंदगी यही लोगों को दिलवाता हैं,

मजा वही लूटता है जिंदगी का,

जिसके पास होता है ये ज्यादा,

गरीब तो बस गरीब ही रहता हैं,

उसके भाग में तो ये लिखा भी नहीं है आधा,

खोल तिजोरी सब इसकी पूजा करते है,


आये जब दीवाली,

यही कामना करते लक्ष्मी मेहरबान हो उन पर,

सदा रहे इससे घर उनके खुशहाली,

कीमत सब इसकी जानते है,

कोई नहीं है इससे अंजान,

बच्चा हो या बड़ा गरीब और अमीर,

इसमें बसी है सबकी जान,

जब तक चलेगा ये संसार,

इसका ही रहेगा सब पर राज,

इसके बिना है सब कंगाल अधूरे है,

बिन इसके सब कामकाज,

इसकी चाहत कभी कम ना होगी,

यही है जीवन का आधार,

जग में सबसे पहले हैं इसका मोल,

इसके बिना जीने का क्या सार..।।



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