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Sunita Chavda

Abstract Romance

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Sunita Chavda

Abstract Romance

सहारा

सहारा

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मेरी जां जो तेरा सहारा ना होता,

तो जीना हमें यू गवारा ना होता


कहने को तो ये जग पराया है,

एक तू ना होती तो कौन हमारा होता


रोशन हो गई दुनिया मेरी,

कदम जो तेरे मेरे आँगन में पडे


पहले थे हम राह के मुसाफिर आज,

बदौलत तेरी हम आँसमा पे है खड़े। 


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