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Asha Pandey 'Taslim'

Abstract

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Asha Pandey 'Taslim'

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_टेहलुआ

_टेहलुआ

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गाँव का टेहलुआ

बियाह लाया है मैम शहर से

फिराता गाँव और कहता है

देखो मैम साहब


हम कहता था न

ये गाँव तुमको दिखता है

हमरा पैरिस है

अंधरे कुएं को बताता है


सोने की खान का रास्ता

मैम साहब की चिरौरी करता है

पूछ न बैठे कहीं

टेहलुआ का पिता कौन है


चाचा करता क्या है

गाँव में इसके खानदान का

रुत्बा कितना है

दिखाता है सब्ज़ बाग़


मैम साहब की जूती

रखता है सर पर

और कहता है

मैम साहब


तुम तो ई गाँव खरीद सकता है

तुमसे बढ़ कर कौन ?

मैम इतराती है

बल खाती है

मुस्काती है


और भूल जाती है

टेहलुआ की सारी वंशावली।


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