शाम थी मस्तानी
शाम थी मस्तानी
शाम थी वह मस्तानी
आसमान में संध्या की लाली छाई थी।
चारों और खुशियां बिखेरने मेरे घर में
यह मस्तानी शाम आई थी।
एक प्यारी सी शाम।
जिसने हमें बना दिया।
एक प्यारी बिटिया की मां
दुनिया का सारा सुख देकर।
दिया सुंदर बिटिया का उपहार।
शाम थी वह सुंदर मस्तानी ।
बिटिया ने जब देखी दुनिया ।
पहले आंखें खोल ऊंआ ऊंआ कर रोई ।
डॉक्टर बोली प्यारी सी गुड़िया है आई।
मेरी शाम सुंदर शाम बहुत ही यादगार बहुत सुंदर हो गई ।
क्योंकि उसने मुझे संसार के सबसे सुंदर विशेषण मां से जो नवाज दिया।
ईश्वर को धन्यवाद दिया।
प्यारी सी रूई के गोले जैसी गुड़िया को देख में बहुत हर्षाई।
और मेरी यह शाम पूरी यादगार शाम बन गई।
जिंदगी भर का प्यारा सा सुख जो दे गई।