Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

मिली साहा

Abstract

4.8  

मिली साहा

Abstract

किसी को किसी की है सुध कहांँ

किसी को किसी की है सुध कहांँ

1 min
304


किसी को किसी की है सुध कहाँ, 

चारदीवारी में कैद आज हर इंसान है,

केवल सोशल मीडिया पर निभाकर रिश्ते, 

हर कोई कहता फिर रहा यहाँ खुद को महान है।।


सिमट रहा हर इंसान सिमट रहे रिश्ते, 

भूलकर प्यार और अपनेपन की परिभाषा,

चकाचौंध से भरी दिखावे की चादर ओढ़कर,

जाने किस ओर चलता जा रहा आज ये जहान है।।


एक ज़माना भी वो हुआ करता था, 

वक़्त बेवक़्त अपनों को याद करने का,

आज मिलने की वजह ढूँढता क्यों हर रिश्ता, 

एक दूजे से बेवजह ही होता जा रहा अनजान है।।


वक़्त की दुहाई देता हर इंसान यहाँ,

वक़्त बर्बाद कर रहा बस झूठे दिखावे में,

हालचाल पूछ रहा अपनों से चंद इमोजी भेज,

समझ न आए आखिर कर रहा किस पे एहसान है।।


जो रूठ गए, छोड़ देता है उसे मनाना,

जाने वाले को रोकने की जाने रीत कहाँ गई,

दिखावे के रिश्तों की लिस्ट होती जा रही है लंबी,

सच्चे रिश्ते पल-पल खो रहा इंसान कितना नादान है।।


सीख लो सच्चे रिश्ता को प्रेम से सहेजना, 

नहीं तो रेत की तरह हाथ से फिसलते जाएंगे,

वक़्त तो सभी के पास है बस निकालना सीखो, 

अपने लिए अपनों के लिए यही वक़्त का फरमान है।।


Rate this content
Log in