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Sonam Kewat

Drama Romance Tragedy

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Sonam Kewat

Drama Romance Tragedy

हमेशा के लिए दूर जाएं

हमेशा के लिए दूर जाएं

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बावरी सी पड़ गई उसके मोह में

दिन देखा ना रात की खबर रही 

अब और क्या कहूँ मैं सबसे

उसे मेरे दूर जाने का भी डर नहीं


मैं चलती रही उसके पीछे पीछे

बस इश्क के उंगली पकड़कर

मौका उसने भी नहीं छोड़ा था

रखा था मुझे बांहों में जकड़कर


अब यह क्या बात हुई कि 

जब मन चाहे तब दिल लगाओ 

और कभी जब मन भर जाए तो

खुद ही तुम दूर चले जाओ 


मैंने सताया भी सिर्फ तुझे है 

हर हाल बताया भी सिर्फ तुझे है

क्या फर्क पड़ता है भला किसी को

पहले जैसी अब परवाह किसे है 


मैं क्या कहती हूं क्यों कहतीं हूँ

काश मेरी बातों को वो समझ पाए 

और नहीं समझता तो ना समझे

तो हमेशा के लिए दूर चले जाएं


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