मां बाप को भूल गया
मां बाप को भूल गया
पढ़ने निकला तो गांव छूट गया
कमाने निकला तो घर छूट गया
जीवन भर कमाया इतना पैसा की
दौलत के नसे में अपनो को भूल गया ।।
पत्नी का प्यार मिला मां का आंचल भूल गया
अच्छा पिता तो बना पर बेटे का फर्ज निभाना भूल गया
बड़ी गाड़ियों में घूमा तो पिता के स्कूटर की सवारी भूल गया
नये देश की हवा क्या लगी अपने पिता का घर भूल गया
ना सद रही घर की दिवाली
होली के प्यार भरे रंग भी भूल गया
विदेशी खाने के आगे
मां के पकवानों की खुशबू भूल गया
घर आने की भीख मांगता पिता
मां की ममता के आंसू भूल गया
चिढ़ जाता है बार बार फोन करने पर
मां बाप की अहमियत भूल गया
मां बाप लगने लगे है बोझ उसको
कांधे बैठ मेला देखा जिस पिता के वो भूल गया
उन मां बाप के लिए पैसे नहीं है उसके पास
घर गिरवी रखकर पढ़ाया उसे वो भूल गया
आंखे तरस गयी बूढ़े मां बाप की
पर बेटा तो अपने मां बाप को ही भूल गया ।।