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Rajeev Tripathi

Romance Tragedy

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Rajeev Tripathi

Romance Tragedy

मोहब्बत

मोहब्बत

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कल तक जो मोहब्बत के राग गाते थे

वही शख़्स हमसे नज़रे चुराते थे 


बात अधूरी है तो अधूरी ही सही

हम मलाल भी नहीं जता पाते थे


आपकी बे-फ़िक्री ने हम को लूट लिया

राह कांटों से दामन फ़िर भी नहीं बचाते थे


नसीब से ज़्यादा जब कुछ मिल नहीं सकता 

फ़िर क्यों नहीं हम प्यार की गंगा बहाते थे


बेशक तुमको हमसे मोहब्बत नहीं थी

इसीलिए तो हमारी झूठी क़सम खाते थे


मुद्दत हुई उनसे किनारा किए हुए

मगर वह याद हमको रोज़ आते थे


अब तो हद ही हो गई है क़त्ल वह करते थे 

निगाहों से और सजा हम पाते थे।


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