तुम दीवाली हो
तुम दीवाली हो
तुम दीवाली हो तुम्हारे आने से दिल खिल जाते हैं
तुम दीवाली हो तुम्हारे आने से दुश्मन भी
गले मिल जाते हैं
तुम दीवाली हो जब भी आती हो
प्रेम सद्भावना हर्षो उल्लास बढ़ जाते हैं
तुम दीवाली हो तुम्हारे आने से
तमस भी रोशनी में नहाते हैं
दिल खुशियों से भर जाते हैं
तुम दीवाली हो तुम्हारे आने से
हर-सू उजाले हो जाते हैं
तुम त्यौहार हो राम लक्ष्मण सीता
के चौदह बरस वनवास के बाद
अयोध्या लौट आने का
तुम त्यौहार हो पिता के वचनों की ख़ातिर
राजपाट त्याग देने का
एकांत में वनवास लेने का
त्याग साहस पराक्रम से रावण रूपी
अहंकार के अंत हो जाने का
तुम त्यौहार हो असत्य पर सत्य की
जीत का
तुम त्यौहार हो हर एक निर्भीक का
तुम त्यौहार हो नारी में बसी चेतना का
स्वाभिमान और सम्मान बचा कर
ले आने का
तम त्यौहार हो अपना सर्वस्व पा लेने का
तुम त्यौहार हो भरत लक्ष्मण शत्रुघ्न के
भातृ प्रेम और त्याग का
तुम पर्व हो भारतीय संस्कृति और
रीति रिवाज का
तुम त्यौहार हो अंधेरे मिटाने का
तुम दीवाली हो तुम्हारे आने से
दिल खिल जाते हैं
तुम दीवाली हो तुम्हारे आने से
दुश्मन भी गले लग जाते हैं
